Importance of Thoughts in Hindi
क्या आपने कभी सोचा है की विचारो का क्या महत्व है? क्यों कहा जाता है कि विचार अच्छे होने चाहिए? ऐसा क्या बदलाव आ सकता है केवल सोचने से?
क्या आपको पता है केवल और केवल विचार आपका सम्पूर्ण जीवन बदल सकते है.
विचारों का महत्व -देने की भावना
-विचार मात्र कल्पनाओ का एक उभार न हो कर एक शक्तिशाली पदार्थ है । उसकी गति तथा क्षमता भौतिक शक्तियों से अधिक है । इसे सूक्ष्म भौतिकी कहा जाता है । इसे अध्यात्म अतिभौतिक (supper physical ) भी कहा जाता है ।
-आग तथा बिजली की ऊर्जा केवल भौतिक पदार्थों को गर्म वा नर्म करती है तथा उनके स्वरूप को बदलती है ।
-विचार रूपी व विद्युत से हम विश्व के प्रत्येक व्यक्ति तथा समूचे वातावरण को परिवर्तित करते है । विचार अपने उदगम विचारक को सब से ज्यादा प्रभावित करते है फ़िर समीपवर्ती क्षेत्र पर प्रभाव डालते हुये अनंत दूरी तक बढ़ते चले जाते है ।
-प्रेरक व्यक्ति की सोच अनुसार दूसरों पर प्रभाव होता है ।
-मन को बुरे वा कूडे कर्कट से भर लिया जाय तो उसकी सड़न से जीवन अस्त व्यस्त हो जायेगा । समस्याओं का हल नही ढूँढ़ सकेंगे । कुंठित रहने लगेंगे । धीरे धीरे पतन की गहरी खाई मे जा गिरेंगे ।
-विचार के दो प्रभाव होते है, सकारात्मक और नाकारात्मक ।
- प्रसन्नता , आशा, संतुष्टि, हिम्मत, सहानुभूति के भाव सकारात्मक विचारो के कारण आते है ।
-क्रोध, घृणा, ईर्ष्या आदि नाकारात्मक विचारो के प्रभाव से आते है ।
-संसार मे जितने भी कष्ट हैं वह हमारे कुविचारो के कारण है । कुविचार काँटे के समान है जो हर व्यक्ति को चुभ गया है । इस काँटे को निकालने के लिये सुविचारो का काँटा लगाना होगा । ऊंच वा अच्छे विचार केवल और केवल निरंतर पढ़ने से आयेंगे ।
-किसी पवित्र विचार पर लगातार सोचने व पढ़ने से आनंद मिलता है ।
-आज का इंसान , छोटा चाहे बड़ा, आस्तिक चाहे नास्तिक, बाहर से कुछ भी बकता या बनता हो, मन से बहुत ही लोभी, स्वार्थी और कामुक वृत्ति का बन गया है । उसे ऐश चाहिये, शान शौकत चाहिये, वाह वाही चाहिये, इसके अतिरिक्त उसे और कुछ नही चाहिये । इस से बचने के लिये केवल देने की भावना रखो ।