Shri Ram
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One Line Shri Ram Shlok In Sanskrit With Meaning

आदियोगी के इस अंक में जय श्री राम श्लोक हिंदी अर्थ सहित प्रस्तुत हैं। रामचंद्र जी का नाम समस्त इच्छाओं की पूर्ति। और सम्पूर्ण सुखों को देने वाला है।

“रामो राजमणि सदा विजयते।”

अर्थ- राम सदा विजयी होते हैं ।

“रामेण विहता निशाचर चचूम।”

अर्थ- राम के द्वारा राक्षसों का अंत हुआ।

“रामाय तस्मै नमः।”

अर्थ- श्रीराम को प्रणाम है।

“रामान्नास्ति परायणम परतरम।”

अर्थ- श्रीराम से श्रेष्ठ कोई नहीं।

” भो राम मामुद्धरः।”

अर्थ- हे श्रीराम मेरा उद्धार करें।

“रामेचित्त लयः सदा भवतु मे।”

अर्थ- श्रीराम में चित्त सदा लगा रहे।

“रामस्य दासोस्मिहम।”

अर्थ- श्रीराम के दास हैं।

“रामस्य ईश्वर: स: रामेश्वर:।”

भावार्थ- राम के ईश्वर हैं वही रामेश्वर है।

“राम ईश्वरो यस्य सः रामेश्वरः।”

अर्थात- राम जिसके ईश्वर हैं वही रामेश्वर है।

“रमंति इति रामः।”

भावार्थ- जो रोम-रोम मे रहता है,जो समूचे ब्रह्मांड मेरमण करता है वह राम है

“रमन्ते योगिनः अस्मिन सा रामं उच्यते ।”

राम का अर्थ- राम शब्द संस्कृत के दो धातुओं, रम् और घम से बना है। रम् का अर्थ है – रमना या निहित होना। और घम का अर्थ है – ब्रह्मांड का खाली स्थान। इस प्रकार राम का अर्थ सकल ब्रह्मांड में निहित या रमा हुआ तत्व यानी चराचर में विराजमान स्वयं ब्रह्म।

Conclusion

भगवान मानव जाति के बीच में कभी राम तो कभी कृष्ण के रूप में आते रहे! वे मानव कल्याण के लिए अवतरित होते रहे हैं। तब उन्होंने मर्यादा सिखाई यानि कि मर्यादा में रहना सिखाया! जब ईश्वर द्वापर में कृष्ण के रूप में आये तब उन्होंने मर्यादा में रखना सिखाया! इसे कहते हैं यथा आवश्यकता तथा स्वरूप! मनुष्य को चाहिए कि वो प्रभु श्री रामचंद्र जी के मार्गों का अनुसरण करे! एवं भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी के कथनों का अनुसरण करे।

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